Mata Rani ki Aarti, Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics In Hindi: शारदीय नवरात्र आज गुरुवार 7 अक्टूबर 2021 से शुरू हो गया है. आज मां शैलपुत्री की पूजा के साथ घर घर मां विराजेंगी. कलश स्थापना, नौ दिन की पूजा का संकल्प इत्यादि के साथ उपवास भी मां दुर्गा के भक्त शुरू कर देंगे. इसके अलावा जय अम्बे गौरी, या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता: आदि मंत्र और माता रानी की आरती के साथ प्रथम दिन नवरात्रि की पूजा होगी. यहां देखें देवी दुर्गा की आरती …
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति Aarti Lyrics In Hindi(Durga Mata Ki Aarti, Jai Ambe Gauri Navaratri Special Aarti Lyrics In Hindi)
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥
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