6 साल की उम्र में अधिकांश बच्चे अभी अपने आसपास के लोगों में "अपना-पराया" समझने की कोशिश करते हैं, लेकिन वहीं एक 6 साल के बच्चे ने दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनियों में से एक वॉलमार्ट के साथ डील साइन करके दुनिया को चौंका दिया है।
इस बच्चे का नाम है रयान, जिसने न केवल यूट्यूब के जरिए करोड़ों रुपये कमाए बल्कि अब उसका नाम अमेरिका की प्रमुख रिटेल कंपनी के स्टोर्स में खिलौनों के रूप में भी चमक रहा है।
रयान: एक छोटा बच्चा और बड़ा ब्रांड
रयान ने यूट्यूब पर "Ryan Toys Review" नाम का एक चैनल शुरू किया था, जहाँ वह अपने खिलौनों के रिव्यू करता था। बहुत ही कम उम्र में, रयान ने इस चैनल के माध्यम से इतना बड़ा कारोबार खड़ा कर लिया कि उसने 75 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर ली। रयान का चैनल केवल अमेरिका में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में काफी लोकप्रिय हो गया है।
यूट्यूब से सफलता की कहानी
रयान का पहला वीडियो 2015 में आया था, जब वह सिर्फ 3 साल का था। उस वीडियो में वह मिट्टी के खिलौनों से खेलते हुए नजर आया था। यह वीडियो लोगों को इतना पसंद आया कि उसके बाद रयान का चैनल तेजी से लोकप्रिय हुआ। आज उनके चैनल के लगभग 10 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। हर महीने वह एड्स के जरिए करीब 1 मिलियन डॉलर की कमाई कर लेते हैं।
यूट्यूब पर रयान के वीडियो को करोड़ों व्यूज मिल चुके हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता में और भी बढ़ोतरी हुई। इतना ही नहीं, रयान ने 2018 में यूट्यूब से करीब 11 मिलियन डॉलर की कमाई की थी, जिससे वह फोर्ब्स की सबसे ज्यादा कमाई करने वाले यूट्यूबर्स की लिस्ट में आठवें स्थान पर आ गए थे।
वॉलमार्ट के साथ साझेदारी
रयान की सफलता को देखते हुए अमेरिका की दिग्गज रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने उनके साथ एक बड़ी डील साइन की है। इस डील के तहत वॉलमार्ट के 2,500 स्टोर्स पर "Ryan's World" नाम से खिलौने बेचे जाएंगे। यह एक बड़ा ब्रांड है, जो विशेष रूप से रयान के नाम पर तैयार किया गया है।
यह साझेदारी न केवल रयान के लिए बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह अमेरिका में टॉय बिजनेस के लिए भी एक नया अध्याय खोल रही है। आज की डिजिटल मार्केटिंग के युग में, कंपनियां डिजिटल इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर्स के जरिए अपने उत्पादों को बड़ी आसानी से लोगों तक पहुंचा पा रही हैं। रयान की लोकप्रियता ने वॉलमार्ट को इस दिशा में एक मजबूत कड़ी दी है।
परिवार का संरक्षण और पहचान
रयान के माता-पिता ने उनकी निजता का विशेष ध्यान रखा है। उनकी राष्ट्रीयता और पूरा नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, ताकि वह अपनी बचपन की सहजता को बनाए रख सके। यह कदम उनकी सुरक्षा और गोपनीयता के लिए बेहद जरूरी था, क्योंकि वे अभी बहुत कम उम्र के हैं।
डिजिटल युग में खिलौनों का नया चेहरा
रयान की कहानी यह भी दिखाती है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने खिलौनों के कारोबार को एक नई दिशा दी है। यूट्यूब और सोशल मीडिया की वजह से बच्चे और उनके परिवार खिलौनों की समीक्षा देख कर अपने लिए सही विकल्प चुन पाते हैं। यह रिव्यू कंटेंट कंपनियों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है, क्योंकि वे अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकते हैं।
रयान के वीडियो की खासियत
रयान के वीडियो बच्चों के लिए बेहद आकर्षक होते हैं। वे खिलौनों को केवल दिखाने तक सीमित नहीं रहते, बल्कि उन्हें खेल-खेल में बच्चों की भाषा में समझाते हैं। इस वजह से उनका चैनल न सिर्फ मनोरंजन का स्रोत है, बल्कि बच्चों और माता-पिता के बीच विश्वसनीयता का भी पुल बन गया है।
सफलता की वजह: सरलता और मासूमियत
रयान की सबसे बड़ी सफलता की वजह उनकी मासूमियत और सरलता है। वे एक छोटे बच्चे की तरह खिलौनों से खेलते हैं और उनके अनुभव साझा करते हैं। यही चीज दर्शकों को उनके साथ जोड़ती है। इससे पता चलता है कि बड़े ब्रांड भी छोटी-छोटी मासूमियत की ताकत को पहचानकर उसके साथ काम करना पसंद करते हैं।
भविष्य की संभावनाएं
रयान की कहानी सिर्फ एक बच्चे की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह डिजिटल युग में बच्चों के कंटेंट क्रिएटर बनने का उदाहरण भी है। रयान ने साबित कर दिया है कि सही प्लेटफॉर्म और सही कंटेंट के साथ कोई भी बच्चा अपनी पहचान बना सकता है और बड़े कारोबार की नींव रख सकता है।
रयान के भविष्य की संभावनाएं असीमित हैं। वॉलमार्ट के साथ उनकी साझेदारी से उन्हें न केवल खिलौनों के बिजनेस में मजबूती मिलेगी, बल्कि वे और भी नए प्रोडक्ट्स, जैसे कपड़े, स्टेशनरी, और गिफ्ट आइटम्स के माध्यम से अपनी पहुंच बढ़ा सकते हैं।
निष्कर्ष
जहां आजकल के बच्चे 6 साल की उम्र में सही-गलत और अपना-पराया समझने की कोशिश करते हैं, वहीं रयान ने इस उम्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर अपना ब्रांड खड़ा कर लिया है। रयान ने यूट्यूब की दुनिया में कदम रखकर अपनी मासूमियत से करोड़ों का कारोबार किया और अब वॉलमार्ट के साथ साझेदारी कर अपनी सफलता की नई कहानी लिख रहा है।
रयान की कहानी यह सिखाती है कि बचपन की मासूमियत और डिजिटल प्लेटफॉर्म की ताकत से कितना बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। यह डिजिटल युग के बच्चों के लिए एक प्रेरणा है कि वे अपने हुनर और प्रतिभा को सही दिशा में लगाकर बड़े सपने देख सकते हैं और उन्हें पूरा भी कर सकते हैं।
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